इंद्रेश कोहली
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की कमान एक बार फिर विधिवत रूप से संभाल ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में उत्तराखंड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया।
प्रदेश की जनता को भी अब भाजपा से पूरी उम्मीद है कि राज्य में विकास का पहिया दिन दुगनी रात चौगुनी घूमेगा। उत्तराखंड के गठन के बाद से जब भी कोई मुख्यमंत्री अपने पद की शपथ लेता है तो वह सबसे पहले देहरादून के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर जाकर अवश्य प्रणाम करता है।
इस बार भी यही हुआ। लेकिन अब मुख्यमंत्री धामी के सामने आंदोलनकारियों का सम्मान करने का यथार्थ रूप में सबसे अच्छा अवसर है।
उत्तराखंड आंदोलनकारियों के चीनी करण की सूची प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चुनाव से पहले पूर्ण कर ली गई थी। लेकिन वह जारी नहीं की गई थी।
अब जो कि भाजपा ने सत्ता में वापसी की है और धामी की मुखिया बनकर आए हैं। ऐसे में उन्हें उत्तराखंड आंदोलनकारियों का मान रखते हुए अपनी कैबिनेट की बैठक में सबसे पहले उत्तराखंड आंदोलनकारियों के चिन्नी करण की सूची जारी करने का सबसे पहले निर्णय लेना चाहिए। यह एक निर्णय आने वाले समय में भाजपा के लिए हर दृष्टि से सफल निर्णय माना जाएगा।