– ऑपरेशन मुक्ति के तहत पुलिस ने किया बड़ा काम
– संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों को कर रहे शिक्षित
देहरादून। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उत्तराखंड की जनता का आह्वान किया कि वह सड़कों पर जब भी बच्चों को भीख मांगते देखें तो उन्हें भीख में कुछ देने की बजाय उनको शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाएं और स्कूलों में दाखिला दिलाएं।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के निर्देशन में सम्पूर्ण राज्य में बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें शिक्षा के महत्व के संबंध में जागरूक कर शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने एवं उनके पुनर्वास हेतु चलाये जा रहे अभियान *आपरेशन मुक्ति* के तहत पुलिस लाइन रेसकोर्स देहरादून में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान शेखर सुयाल क्षेत्राधिकारी नगर/नोडल अधिकारी आपरेशन मुक्ति देहरादून द्वारा उपस्थित अधिकारियों व अन्य अतिथिगणों को *आपरेशन मुक्ति* के तहत जनपद पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाहियों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।
उन्होंने अभियान की थीम *भिक्षा नहीं, शिक्षा दें* व *Support to educate a child* के तहत अधिक से अधिक लोगों को पुलिस की इस मुहीम से जुड़ कर ऐसे बच्चो की शिक्षा व उनके पुनर्वास के लिये आगे आने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा उपस्थित अथितिगणों को सम्बोधित करते हुए बताया कि *आपरेशन मुक्ति* अभियान के तहत पुलिस द्वारा अन्य कार्यदायी संस्थाओ के साथ मिलकर भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की शिक्षा एवं पुनर्वास की दिशा में काफी अच्छा प्रयास किया गया है।
पुलिस की इस मुहिम को और आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को यह समझना होगा कि भिक्षावृत्ति में लिप्त ऐसे बच्चों को भी पूरे सम्मान के साथ जीवन यापन करने का पूरा अधिकार है, पर जब भी हम किसी बच्चे को भिक्षा देते हैं तो हम उसे दया का पात्र बनाते हुऐ अन्जाने में ही सही पर उसे जिन्दगी भर के लिये भिक्षुक बना देते है, इससे उन्हे भिक्षावृत्ति की आदत पड जाती है।
भिक्षावृत्ति में लिप्त कई परिवार इसे अपनी आय के स्त्रोत के रूप में लेते हुए बच्चो को पैदा कर उनसे उनका बचपन छीन कर उन्हें भीख मांगने के लिये सडकों पर छोड देते हैं पर समाज के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम सभी को यह समझना होगा कि उन बच्चो के समाज मे सम्मान के साथ जीने के लिये उन्हें भिक्षा नहीं शिक्षा की आवश्यकता है।
यदि हम दिल से उनके लिये कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो उन्हें भिक्षा न देकर उनके बेहतर भविष्य के लिये उन्हे अच्छे स्कूल में दाखिल कर उन्हे शिक्षा दिलाये, उन्हे गोद लेते हुए उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी लें, जिससे कि बडे होकर वह अपने पैरों पर खडे होकर एक सम्मानजनक जिन्दगी जी सकें।
इसके लिये हमे अपने इस विचार को समाज में अधिक से अधिक लोगो के मध्य प्रसारित करते हुए उन्हें इसके प्रति जागरूक करना होगा तभी हम इस पूरे समाज से बाल भिक्षावृत्ति को समाप्त कर सकेंगे। *आपरेशन मुक्ति* अभियान का मुख्य लक्ष्य समाज को बाल भिक्षावृत्ति के इस अभिश्राप से मुक्त कराना है।
इस अभियान के दौरान प्रमुख रूप से जो चुनौतियां पुलिस के सम्मुख आयी उनमें से एक है ऐसे बच्चों को शिक्षा एवं उसके महत्वों के प्रति प्रेरित करना, क्योंकि उन्हें इसकी आदत नहीं होती और उन्हें स्कूल में डालना बहुत मुश्किल होता है।
सम्पूर्ण राज्य में *आपरेशन मुक्ति* अभियान के तहत पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त लगभग 4091 बच्चों का सत्यापन किया गया, जिनमें से 1430 बच्चों का पुलिस द्वारा विभिन्न स्कूलों/डे केयर होम में दाखिला करवाया गया।
दूसरी प्रमुख समस्या माता पिता द्वारा बच्चों को स्कूलों से निकालकर वापस भिक्षावृत्ति की ओर ले जाना है क्योंकि ऐसे अभिभावकों के लिये बच्चे ही आय का मुख्य साधन होते हैं, ऐसे में बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर करने के लिये उनके अभिभावकों के लिए आजीविका के साधनों को ढूंढना भी एक चुनौती है, जिसकी दिशा में भी पुलिस द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड महोदय द्वारा *आपरेशन मुक्ति* अभियान के तहत बच्चों की शिक्षा व उनके पुनर्वास के लिये आगे आयी सस्थाओं व अन्य कार्यदायी विभागों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके सहयोग के लिये उन्हे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा विभिन्न संस्थाओ/स्वयं सेवी संगठनो के द्वारा ऐसे बच्चों की शिक्षा/उत्थान व उनके परिजनो की आजीविका के लिये दी गयी सामग्री ट्रेक सूट, स्टेशनरी, सिलाई मशीन, स्कूल बैग आदि को उक्त बच्चों व उनके परिजनों को वितरित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा भी पुलिस की इस मुहीम की प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया गया।
अन्त में जन्मेजय खण्डूरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के उत्थान व उनकी शिक्षा की दिशा में कार्य करने हेतु चलाये जा रहे उक्त अभियान के लिये पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पुलिस के सहयोग के लिये आगे आयी संस्थाओं का भी आभार प्रकट किया गया।
उक्त कार्यक्रम के दौरान पी0वी0के0 प्रसाद अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी/सीआईडी, अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, संजय गुन्ज्याल पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना, वी0 मुरूगेशन पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, पूरन सिंह रावत पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, नीरू गर्ग, पुलिस उपमहानिरीक्षक अग्निशमन, मुख्तार मोहसिन, निदेशक यातायात, सामाजिक संस्थाओं से जुडे गणमान्य अतिथि व बच्चे एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।