देहरादून। कहते हैं लालच बुरी बला है। यह कहावत अक्सर चरितार्थ होते दिख जाती है। एक जीजा साले छोटा-मोटा काम करके अपना जीवन बिता रहे थे कि जीजा के मन में लालच आया और वह जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी के सामने चाऊमीन मोमो की ठेली लगाकर गुजारा कर रहा था। उसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में उसने अपने साले को साथ लेकर लाखों रुपए की चोरी कर डाली। चोरी करने जाते समय उसने अपनी पत्नी को बताया था कि वह एक पार्टी में जा रहे हैं और वहीं से खाना खाकर देर रात लौटेंगे। लेकिन वह चोरी के रुपयों से ज्यादा समय एंजॉय नहीं कर पाए और पुलिस ने दोनों को पकड़ कर चोरी की गई लाखों की रकम बरामद कर ली।
पुलिस के अनुसार दिनांक 25 नवंबर 2021 को कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता दीपक जुगलान पुत्र स्वर्गीय श्री सत्य प्रसाद जुगलान निवासी श्यामपुर ऋषिकेश के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार मैसर्स एस.एस. कंस्ट्रक्शन कंपनी श्यामपुर के कार्यालय का शीशा व दरवाजा तोड़कर अलमारी के अंदर रखे ₹ 30,33,000/-रुपये अज्ञात व्यक्तियों द्वारा चोरी कर लिए गए है।
पुलिस टीम द्वारा आज दिनांक 29 नवंबर 2021 को उपरोक्त मुकदमे से संबंधित माल मुल्जिमान की तलाशी के दौरान मुखबिर की सूचना पर भट्टोवाला तिराहा, श्यामपुर ऋषिकेश के पास से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई है। जिनके कब्जे से मौके पर एक बैग में ₹ 22,00,000/- रुपये, 02 गरम चादर, 01 हथोड़ी व एक सूत की रस्सी बरामद हुई है।
*नाम पता अभियुक्त -*
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1- *दिनेश रावत पुत्र सत्यपाल सिंह रावत निवासी ग्राम हटनाली बनगांव, पो0ओ0 बनगांव, पटवारी क्षेत्र बनगांव, पट्टी दसगी, तहसील चिन्यालीसौड़ जिला उत्तरकाशी,*
उम्र 24 वर्ष
2- *पंकज पंवार पुत्र शरद सिंह पंवार निवासी ग्राम इन्द्रा टिपरी, पो0ओ0 टिपरी, पट्टी बिष्ट, थाना धरांसू, तहसील चिन्यालीसौड़ जिला उत्तरकाशी,*
उम्र 21
*पूछताछ विवरण -*
पुलिस के अनुसार अभियुक्त दिनेश रावत ने बताया कि मैंने जनवरी 2021 से अगस्त 2021 तक इस कन्सट्रक्शन कम्पनी में आफिस ब्वाय का काम किया, इस दौरान मैं बैंक में रूपये जमा करना, निकला, इधर उधर से पेमेन्ट एकत्रित कर एकाउन्टेन्ट के पास जमा कराता था जिस कारण मुझे आफिस में रूपयो को रखने की जगह व कितने रूपये प्रतिदिन आते जाते हैं इसकी पूरी जानकारी थी।
वर्तमान में मैं चाउमीन व मोमो की ठेली आफिस के बाहर ही मुख्य सड़क पर लगा रहा था जिससे मेरा गुजर बसर नही हो पा रहा था जिस कारण मैने आफिस में चोरी की योजना बनायी व इस योजना में मैने अपने साथ अपने रिस्ते के साले पंकज जो हरिद्वार में एक रेस्टोरेन्ट में काम करता था को सामिल किया। योजना के मुताबिक दिनांक 23.11.2021 को सांय के समय पंकज मेरे पास श्यामपुर पंहुच गया। जिसे मैने आने जाने का रास्ता व ऑफिस दिखाया।
रात्रि के समय मैने अपनी पत्नी को कहा कि हम दोनो पार्टी में जा रहे हैं रात्रि में देर में आयेगें तुम लोग सो जाना। इसके बाद हम दोनो अपने साथ एक एक गर्म चद्दर, रस्सी व हथोड़ी सामान लेकर कॉम्पलेक्स के रास्त छत पर पंहचे व वहां से सीढ़ीयों के रास्ते नीचे उतरे।
हमने मेन दरवाजे पर लगे सीसीटीवी कैमरे को पोछे से ढक दिया व छत पर जाकर ग्रिल से रस्से को बांध दिया व नीचे की तरफ लटका दिया तथा उसी के सहारे पहले मैं खिड़की तरफ लटका व खिड़की की बीडिगं निकालकर कांच को धीरे से निकालने लगा जो मेरे हाथ से फिसल गया व नीचे गिरकर चूर चूर हो गया जिससे तेज आवाज भी हुई, जिसके डर के हम दोनो वहां से छत पर जाकर एक कोने में छिप गये व काफी समय बाद पुनः हम वंही आये तो हमें कोई जागता हुआ नही दिखाई दिया जिस पर मैं पुनः रस्सी के सहारे नीचे उतर व कम्बल ओड़कर एकाउन्टेन्ट के केबिन की तरफ बड़ा। थोड़ी ही देर में मेरा साला पंकज भी रस्से के सहारे नीचे व अन्दर आ गया। जहां पर हमने एकाउन्टेन्ट के केबिन का कांच का दरवाजा हथोड़े से तोड़कर दराज में रखी 500 व 2000 रूपये के नोटो की गड्डियां निकालकर वंही रखे एक काले रंग के बैग में भर ली, इसके बाद हमने बगल वाले केबिन का कांच का दरवाजा तोड़ा तथा वहां पर भी दराज में रखे लगभग पचास हजार रूपये बैग में भरकर वंहा से उसी रास्ते वापस आ गये।
कॉम्पलेक्स से नीचे आकर हम लोग रेलवे पटरी से होकर अपने कमरे की पीछे की तरफ आये व वंही रूपयों से भरा बैग व रस्सा, कम्बल व हथोडे को छिपा दिया। बैग में से 8-10 हजार रूपयों को हमने अपने खर्चे के लिये निकाला व आपस में बांट दिया तथा शेष रूपयो को हमने उसी बैग में रखकर अपने कमरे में छिपा दिया था।
इसके बाद पंकज हरिद्वार चला गया व मैं अपने कमरे में ही रूक गया। चोरी की सूचना मिलने के बाद पुलिस आस पास घूम रही थी जिससे मैं डर गया व दिनांक 26.11.2021 को मैं अपने परिवार को लेकर अपने गांव आ गया व दिनांक 27.11.2021 को पंकज भी मेरे ही पास आ गया। आज हम दोनो चोरी के रूपयो को लेने वापस आये व चोरी के इन रूपयो में से मैने अपने पास 15 लाख रूपये रखे तथा पंकज को 7 लाख रूपये दिये। इन्हे लेकर जैसे ही हम लोग वापस गांव के लिये जा रहे थे कि आप लोगो ने पकड़ लिया। हम अपने साथ दोनो रस्से, कम्बल व हथोडा को इसलिये लेकर जा रहे थे ताकि पुलिस को हमारे घर व आस पास चौकिंग के दौरान यह सामान न मिल पाये।