देहरादून/ऋषिकेश आखिर वन विभाग को सफलता हाथ लग ही गई। मादा गुलदार व उसके टीम शावकों को पकड़ने के लिए पिछले डेढ़ माह से लगाये गए पिंजरे में आखिरकार मादा गुलदार फस ही गई।
घटनाकर्म अनुसार अमरजीत सरदार के खेत के निकट सूर्य चौहान व बबलू चौहान के खेत मे लगे पिंजरे में रात करीब 7 से 8 बजे के बीच जंगली जानवर के दहाड़ने की आवज से ग्रामीण ख़ौफ़ज़दा हो गए।
ग्रामीण सूर्य चौहान के घर के निकट उनके खेत मे लगे पिंजरे से गुलदार के जोर जोर से गुर्राने की आवाज पर उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। मोके पर पहुंचे वन दरोगा व बीट अधिकारी राजेश बहुगुणा ने पिंजरे के नजदीक जाकर देखा तो उसमें मादा गुलदार फंसी हुई थी। वह विभाग की टीम में पिंजरे में फंसी गुलदार को रेसक्यु कर रेंज कार्यालय ऋषिकेश ले गये।
पिछले 6 माह से ग्राम सभा खदरी खड़कमाफ की घनी आबादी के बीच सरदार अमरजीत सिंह के गन्ने के खेत मे अपने तीन शावकों के साथ डेरा जमाए मादा गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी।
मादा गुलदार अपने तीन शावकों के साथ गन्ने के खेत व पास ही आम के बगीचे में भरी दोपहरी टहलती नजर आती थी। जिससे खदरी के ग्रामीणों में दहशत बना हुआ था। ग्रामीणों का वन विभाग पर गुलदार को पकड़ने का भारी दबाव बना हुआ था।
किसी अप्रिय घटना की आशंका व ग्रामीणों के दबाव का आलम यह था कि गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने उसके सम्भावित ठिकाने वाले क्षेत्र के आसपास पांच पिंजरे लगाये गए। मादा गुलदार के पिंजरे में कैद होने से जंहा ग्रामीणों में खुसी लहर है तो वंही वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है।
गुलदार को वन विभाग के वाहन से ऋषिकेश रेंज कार्यालय ले जाया गया है। टीम में वन दरोगा स्वयम्बरदत्त कंडवाल, वन बीट अधिकारी राजेश बहुगुणा, ग्रामीण विनोद चौहान, विनोद जुगलान ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल, शांति प्रसाद, पूर्व प्रधान सरोप सिंह पुंडीर आदि थे।
उधर वन रेंज अधिकारी ऋषिकेश महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि फिलहाल गुलदार का मेडिकल कराया जा रहा है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही गुलदार को जू अथवा जंगल मे छोड़े जाने की कार्यवाही की जाएगी। ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल, शांति प्रसाद, पूर्व प्रधान सरोप सिंह आदि इस दौरान मौजूद रहे।