देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के शीर्ष नेतृत्व की नाकामी के कारण पार्टी को फिर भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हाशिए पर चल रही यूकेडी के केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एनके गुसाईं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी को भेजा है।
उत्तराखंड आंदोलन की शुरुआत से पूर्व उत्तराखंड क्रांति दल से जुड़े एनके गुसाईं ने यूकेडी के लिए जी जान से मेहनत की थी। जिला अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने सड़कों पर उतर कर जनता के हित में तमाम आंदोलन किए। यही कारण रहा कि अपने क्षेत्र में एवं पार्टी के साथ-साथ उन्होंने तमाम विभागोंं के अधिकारियों और मीडिया में भी अपनी एक सकारात्मक पहचान बनाई।
दूसरी तरफ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही यूकेडी के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमें एडवोकेट एनके गुसाईं जैसे जुझारू नेता को पार्टी छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष को भेजे अपने त्यागपत्र में इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है। हालांकि कारण चाहे जो भी हो लेकिन उत्तराखंड क्रांति दल के शीर्ष पदाधिकारियों के सामने एक यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि वे पार्टी की नीतियों को जनता के बीच लगातार ले जाने में असफल हो रहे हैं और अब ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं को भी नहीं रोक पा रहे हैं, जिन्होंने यूकेडी के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया।
यूकेडी के पूर्व केंद्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट एनके गुसाईं के इस्तीफे के कुछ ही घंटों के भीतर पार्टी के केंद्रीय प्रचार मंत्री समीर मुखर्जी ने भी त्यागपत्र दे दिया है। बताया जा रहा है कि अभी ऐसे और भी चेहरे हैं जो यूकेडी छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। लेकिन अब देखना यह होगा की गुसाईं किसी पार्टी को ज्वाइन करते हैं या नहीं। क्योंकि वह जिस भी पार्टी के साथ जाएंगे, उस पार्टी के लिए ही एडवोकेट गुसाईं का आना एक बड़ी उपलब्धि माना जाएगा।