– जल्द सुनवाई नहीं हुई तो शिक्षा मंत्री को इस्तीफा देने से भी नहीं हटेंगे पीछे
देहरादून। अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के गेस्ट टीचरों को लेकर दिये बयान से समस्त गेस्ट टीचरों में भारी नाराजगी और आक्रोश है।
खुद 2015 में सरकार और शिक्षा विभाग की बनाई गेस्ट टीचर व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस व्यवस्था को एक तदर्थ व्यवस्था मानते हुए आगे जारी रखने के बावजूद भी मीडिया में यह बयान देना की कोर्ट ने गेस्ट टीचर की कोई व्यवस्था नहीं माना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिस व्यवस्था के जरिये दुर्गम के स्कूलों में नियमित शिक्षकों की कमी होने होने छात्रों को शिक्षण प्राप्त हुआ उस पर विभागीय अधिकारी द्वारा कोर्ट की आड़ में नजरअंदाज करना उचित नहीं।
उक्त आरोप लगाते हुए संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट और कोषाध्यक्ष संजय नौटियाल ने आज इस सम्बंध में निदेशालय पहुंचकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि आज एक अखबार में अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गेस्ट टीचर की किसी व्यवस्था को नहीं माना, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में कोर्ट ने गेस्ट टीचर व्यवस्था को एक एडहॉक व्यवस्था मानते हुए रुकी हुई प्रकिया को जारी रखने का निर्णय पारित किया।
विभाग के इस बयान से समस्त गेस्ट टीचर्स बहुत दुःखी और आक्रोशित हैं। जल्द ही इस सम्बंध में उच्च स्तर पर मुलाकात कर यह स्पष्ट करने की कोशिश की जाएगी कि अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
अतिथि शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा। 8 साल से दुर्गम के स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है।
अब या तो विभाग और सरकार पहले अतिथि शिक्षकों के लिये एक स्थायी व्यवस्था करें या सभी अतिथि शिक्षक स्वयं ही शिक्षा मंत्री के पास अपना इस्तीफा सौपकर आंदोलन पर बैठ जाएंगे।