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Thursday, May 8, 2025
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कारगिल शहीद आश्रितों के हितार्थ आज भी जी जान से जुटी है ‘ केशर जन कल्याण समिति ‘

 

 

देहरादून। कारगिल शहीद आश्रितों के हितार्थ वर्ष 2000 से लगातार कार्य कर रही सामाजिक संगठन “केशर जन कल्याण समिति” के प्रदेश अध्यक्ष व भाजपा नेता एडवोकेट एन के गुसाईं ने कहा कि वर्ष 1999 में कारगिल की ऊंची चोटियों से पाकिस्तानी दुश्मनों को खदेड़कर हमारे देश के 527 जाबांजों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिसमें से 75 जाबांज देवभूमि उत्तराखंड से थे। 

 

तत्कालीन भारत सरकार व राज्य सरकार की घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीस, पेट्रोलियम मंत्री राम नाईक से मिलकर समिति ने उत्तराखंड के लगभग सभी आश्रितों हेतु पेट्रोल पम्प व गैस एजेसियों को स्थापित करवाने हेतु संघर्ष किया।

तत्कालीन अभिभाजित उत्तराखंड, प्रदेश सरकार और बाद में उत्तराखण्ड सरकार की घोषणाओं में कुछ घोषणाएं अभी पूरी होनी बाकी हैं। उनके क्रियान्वयन हेतु समिति का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा सैनिक कल्याण मंत्री से मिलेगा।

राज्य सरकार की घोषणाओं में निम्न प्रमुख हैं:-

1-शहीद परिवार को शहर में मकान हेतु प्लाट अथवा ग्रामीण क्षेत्र में 5 बीघा कृषि भूमि संबधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा आवंटित की जायेगी। काफी शहीदों को भूमि नहीं मिली और कुछ को भूमि मिली भी तो उस पर भू-माफिया काबिज हैं।

2-समय समय पर पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा शहीद के घर जाकर शहीद के माता पिता व शहीद की वीर नारी का हालचाल जानना।

3-शहीद के माता पिता का नाम नजदीकी पुलिस स्टेशन में क्षेत्र के सम्मानित व्यक्तियों की सूची में नाम दर्ज करना।

4-शहीद के घर को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग का नामकरण शहीद के नाम पर करना।

5-नजदीकी शिक्षण संस्था का शहीद के नाम पर नामकरण।

6-शहीद के बच्चों को 13वीं तक की शिक्षा मुफ्त तथा स्कूल पोशाकों व किताबों के लिए धनराशि आवंटित करना।

7- प्राथमिकता पर बिजली, पानी, टेलीफोन, गैस कनेक्शन आदि मुहैया करवाना आदि हैं। 

समिति के प्रयासों से अधिकांश घोषणाओं का क्रियान्वयन हो गया है किन्तु अभी भी कई घोषणाओं को धरातल पर उतारा जाना शेष है जिस हेतु भी समिति लगातार संघर्षरत हैं। 

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