देहरादून। कोरोना का कहर अभी थमा नहीं है। जो इसकी चपेट में आए और जो बच गए वह भी एक ही जैसे मुश्किल हालात से जूझ रहे हैं। हालत यह हो गई है कि लोगों के पास खाने तक के लाले पड़ने लगे हैं। कोरोना से निपटने की तो सरकार जैसे-तैसे कोशिश कर रही है लेकिन ना तो बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने की कोशिश की गई और ना ही पेट्रोल की दौड़ती कीमतों पर ब्रेक लगाने का प्रयास किया गया।
इस मामले में उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट एन के गुसाईं कहते हैं जहां एक और देशवासी कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हताहत हैं वही पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार उछाल से और मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
इसी महीने तेल की कीमतें केवल मई माह में 15 बार बढ़ाकर तेल कंपनियों ने आम जनता को वर्तमान महामारी के नाजुक दौर में राहत के बजाय आफत उपहार देकर इंसानियत को भी शर्मसार करने जैसा काम किया है।
गुसाईं ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन करने वाली भारतीय जनता पार्टी वर्तमान समय में पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।
वर्तमान समय में जबकि देशवासी महामारी से जूझ रहे हैं ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को बढ़ाने से महंगाई बेलगाम हो जाएगी और आम जनता का जीवन दुश्वार हो जायेगा।
गुसाईं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी इस समय मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में कहीं भी नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस की भूमिका न तो केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के रूप में नजर आ रही है जहाँ वह मुख्य विपक्षी की भूमिका में है।
गुसाईं ने केन्द्र व राज्य सरकारों को अपने अपने स्तर से पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले टैक्स को कम करके आम जनता को राहत देने की मांग की है, ताकि आम जनता वर्तमान वैश्विक कोरोना महामारी में कुछ राहत महसूस कर सके।