27.2 C
Dehradun
Friday, March 29, 2024

K G Behal

 

हेडिंग–

—  उत्तराखंड की शान रिटायर्ड ब्रिगेडियर केजी बहल

— दून के पूर्व डिप्टी सर्वेयर जनरल को आज भी लद्दाख में किया जाता है याद

— दून सहित पूरे उत्तराखंड में समाज सेवा के क्षेत्र में भी जुड़ी हैं महत्वपूर्ण उपलब्धियां

उत्तराखंड की शान रिटायर्ड ब्रिगेडियर केजी बहल आईएमए देहरादून से पास आउट हुए और 1962 में उन्होंने आर्मी जॉइन की। इसके बाद पहली पोस्टिंग उन्हें लद्दाख में मिली। वहां सुबह से लेकर रात तक ट्रेनिंग होती थी। लद्दाख में ही उन्होंने 206 बेड के हॉस्पिटल का निर्माण कराया, जो आज भी चल रहा है। लद्दाख में उनके हॉस्पिटल निर्माण के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला। साथ ही उनकी पोस्टिंग अमृतसर कर दी गई। लेकिन जब ब्रिगेडियर बहल अमृतसर पहुंचे तो उन्हें मालूम चला कि उन्हें मेजर की पोस्ट से नवाजा गया है। यह उनके लिए बहुत ही गौरव का पल था। इसके बाद वर्ष 1965 में उन्हें सर्वे ऑफ इंडिया भेज दिया गया। वहां रहते हुए उन्होंने पूर्ण उपलब्धियां हासिल की और सर्वे ऑफ इंडिया में सेवाएं देने के बाद डिप्टी सर्वेयर जनरल के पद से रिटायर हुए। ब्रिगेडियर केजी बहल ने सेवानिवृत्ति के बाद लगातार समाज सेवा के क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान वह देहरादून में विभिन्न संस्थाओं से जुड़े और लगातार शहर की समस्याओं के निदान पर काम किया।

दून में पॉलीथिन के खिलाफ चलाया अभियान

उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर देहरादून में पॉलीथिन के खिलाफ अभियान चलाया। उनकी यह मुहिम इतनी कामयाब हुई कि प्रशासन को भी उनका साथ देना पड़ा और बड़े स्तर पर पूरे शहर में आम लोग पॉलिथीन से प्रदूषण की समस्या को समझते हुए उनके साथ इस अभियान में खड़े हो गए। उन्होंने शहर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ की जोरदार पहल की। सरकार को भी उन्होंने ऐसे कई सुझाव दिए, जिनको लागू करने से प्रदूषण की समस्या से निजात मिल सकती थी। ब्रिगेडियर बहल ने बताया कि जैसे-जैसे शहर बढ़ता गया वैसे ही सड़कों पर पार्किंग की समस्या भी बड़ी भारी मुसीबत बन गई। इसके लिए भी उन्होंने दून की संस्थाओं से मिलकर प्रशासन को जगह-जगह पार्किंग बनाए जाने के सुझाव दिए। यही कारण रहा कि आज मुख्य मार्गों पर किनारे की और सफेद पट्टी डालकर पार्किंग के लिए गाड़ियों को अनुमति दी गई है।

स्कूलों की छुट्टी के समय जाम पर भी किया काम

डालनवाला वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने पूरे क्षेत्र के लिए आगे आकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। क्षेत्र के लोगों को साथ लेकर प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने को जहां आंदोलन चलाए, वहीं डालनवाला क्षेत्र में लगभग 35 स्कूल होने के कारण उनसे समय-समय पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने को भी पहल की। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों की छुट्टी के समय में अंतराल रखा जाए और पार्किंग की व्यवस्था कराई जाए। इस व्यवस्था को लागू करने के बाद काफी हद तक स्कूलों की छुट्टी के दौरान क्षेत्र में लगने वाली जाम की समस्या से निजात मिलने लगी।

पांच साल तक बिल्डिंग बनाने पर लगवाई रोक

दूर नगरी में जैसे ही बिल्डरों ने पेड़ों के कटान शुरू कर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनानी शुरू की, तभी ब्रिगेडियर केजी बहल के नेतृत्व में एक ऐसी लड़ाई लड़ी गई, जिसका परिणाम निकला कि दून में 5 साल तक बड़ी बिल्डिंग बनाने पर रोक लगा दी गई। हालांकि अब इससे जुड़ी योजनाओं में प्रशासन की ओर से विभिन्न बदलाव किए गए हैं। लेकिन पहल करते हुए शहर को प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ रखने का बीड़ा उन्होंने ही उठाया था।

——————————————————-

—- बॉक्स के लिए —–

 

जब पूर्व प्रधानमंत्री से 14 किमी वाली बात पूछी

ब्रिगेडियर बहल बताते हैं एक बार लाहौर से मात्र 14 किलोमीटर पहले भारतीय सीमा में उनकी पोस्टिंग थी। उस समय वे बंकर में रहते थे। तभी अचानक उन्हें मालूम चला कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का वहां पर दौरा है। सौभाग्य से उन्हें ही पूर्व पीएम को रिसीव करने का मौका मिला। पूर्व प्रधानमंत्री से मिलते समय उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने अपने मन का सवाल उनसे पूछ लिया, ‘ हमारी सीमा से मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर लाहौर ( पाकिस्तान ) है। अगर आदेश हो तो हम कुछ ही समय में उसे जीत लेंगे। ‘ ब्रिगेडियर बहल बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उनसे कहा, हम शांति प्रिय देश हैं हम किसी पर अटैक नहीं करते लेकिन हम पर कोई करे तो हमसे छोड़ते नहीं हैं।

 

—— बॉक्स के लिए ——

अंग्रेजी में भागवत गीता लिखने के साथ कई महत्वपूर्ण किताबें लिखी

ब्रिगेडियर बहल ने भागवत गीता को अंग्रेजी में 5 साल में लिखा। वह कहते हैं यह उनका जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय रहा। इसके साथ ही उन्होंने सुभाष चंद्र बोस पर भी किताब लिखी। लाइफ ऑफ राजीव गांधी, लाइफ ऑफ कलरिंचन उनकी लिखी किताबों में से खूब पढ़ी जाने वाली किताबें हैं। उनके बारे में एक खास बात यह है कि लेखनी में महारत होने के साथ-साथ ब्रिगेडियर बहल कवि हृदय भी हैं। उन्होंने उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में कई कविताओं की रचना की है। वह कवि सम्मेलनों और मुशायरों का भी आयोजन कराते रहे हैं।

 

—- बॉक्स के लिए —–

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी अग्निवीर योजना

एक फौजी अफसर के रूप में अत्यधिक अनुभवी ब्रिगेडियर बहल का इस बात पर कहना है कि अग्निवीर योजना हमारे देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योजना है। इसके बारे में जो भ्रांति युवाओं में फैली थी वह अब दूर हो गई है। इसलिए आज युवा इस योजना के तहत शामिल होने में बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं।

 

—- बॉक्स के लिए —

विभिन्न संस्थाओं से जुड़कर कर रहे हैं काम

. प्रेसिडेंट, दून सिटीजन कौंसिल

. प्रेसिडेंट, ऑल इंडिया कंज्यूमर्स काउंसिल

. प्रेसिडेंट, देहरादून संयुक्त नागरिक संगठन

. फाउंडर प्रेसिडेंट ‘ सेवा ‘

. संरक्षक, देहरादून एक्स सर्विसेज लीग

. फाउंडर प्रेसिडेंट डालनवाला वेलफेयर सोसाइटी

. वाइस प्रेसिडेंट चेशायर होम एंड मेंबर प्रमुख

. संरक्षक, इंटेलेक्चुअल्स एंड टेक्नोक्रेट्स गिल्ड ऑफ इंडिया

इससे पूर्व 1993 में डिप्टी सर्वेयर जनरल सर्वे ऑफ इंडिया के पद से रिटायर हुए।

. सेक्रेटरी, ऑल इंडिया केडेस्ट्रल सर्विस फॉर स्टेट गवर्नमेंट

. मेंबर, हाई पावर्ड नेशनल कमिटी ऑन रैबिट एलिसाइजेशन ऑफ लैंड रिवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन

. मेंबर, टेक्निकल कमेटी मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डेवलपमेंट फॉर सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम्स फॉर स्टेट गवर्नमेंट्स फॉर इन स्ट्रैंथनिंग ऑफ लैंड रिवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन

. सेक्रेटरी स्पोर्ट्स एंड रीक्रिएशन क्लब सर्वे ऑफ इंडिया

. मेंबर, नेशनल लेवल स्टीयरिंग कमिटी ऑन कंप्यूटराइजेशन ऑफ लैंड रिकॉर्ड्स

. इवैल्यूएशन कपार्ट एनजीओ प्रोजेक्ट्स

 

———- indresh Kohli ——-

 

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments