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Sunday, November 17, 2024
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निर्दलीय विधायक के तूफान में फंसी कांग्रेस की नाव : मंच कांग्रेस का, बयान जा रहा भाजपा के पक्ष में

 

 

 

देहरादून। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के एक बयान कि 500 करोड़ रुपए में गुप्ता बंधु भाजपा की सरकार गिराने की तैयारी में थे। इसके बाद उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताई है तो वहीं कांग्रेस भी निर्दलीय विधायक के बयान पर सामने आ गई है। लेकिन कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी के बयानों को ध्यान से सुनें तो उसमें निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की मुखालफत के साथ-साथ भाजपा के प्रति उनका सॉफ्ट कॉर्नर नजर आ रहा है, ऐसा लग रहा है कांग्रेस के मंच से भाजपा का बयान जारी हो रहा है, जो अपने आप में ही कई सवाल खड़े कर रहा है। 

 

 

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” हिट एंड रन ना करें उमेश कुमार, अपने आरोपों को साबित करें  : गरिमा मेहरा दसौनी

गैरसैंण में आहूत विधानसभा सत्र के दौरान खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बयान ने उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने का काम किया है यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। दसौनी ने उमेश कुमार के बयान को अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना और हल्का करार किया है। दसौनी ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है और विधानसभा का पटल कोई अखाड़ा नहीं की कोई भी आकर अपने पुराने लड़ाई झगड़ों का सेटलमेंट विधानसभा के पटल पर इस तरह के भ्रामक आरोप लगाकर अपने पद का दुरुपयोग करेगा ।दसौनी ने कहा कि उमेश कुमार का आरोप कई सवाल खड़े करता है, उदाहरण के तौर पर की सरकार पुष्कर सिंह धामी की गिरने का षड्यंत्र हो रहा है लेकिन दर्द उमेश कुमार को क्यों उठ रहा है? वही क्या सरकारी खुफिया तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है जो एक निर्दलीय विधायक को सरकार गिरने की सूचना सरकार से पहले पता चल जा रही है, वहीं तीसरा और सबसे अहम सवाल यह की क्या भाजपा के विधायक सेल पर उपलब्ध है जो कोई भी धन पशु आएगा और विधायकों को खरीद कर सरकार गिराने का काम करेगा ।
वहीं दसौनी ने यह भी कहा कि विधानसभा के पटल पर माननीय सदस्यों के द्वारा उठाए जाने वाला हर मुद्दा उनके द्वारा कहा गया एक-एक शब्द विधानसभा की प्रोसीडिंग्स में दर्ज हो जाता है ऐसे में जब इतना बड़ा आरोप उमेश कुमार ने लगाया ही था जो कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न कर सकता था तो फिर विधानसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है कि वह आरोप लगाने वाले सदस्य से तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर उसको साबित करने की लिए भी आदेशित करें। गरिमा ने कहा कि सदन में जो कुछ घटित हुआ वह पूरा प्रकरण बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है।

गरिमा मेहरा दसौनी
मुख्य प्रवक्ता
उत्तराखंड कांग्रेस ” 

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