* बेटा, भारत-चीन सीमा पर तैनात, उसकी शिकायत को भी गंभीरता से नहीं लिया
देहरादून। उत्तराखंड का नाम सैन्य बाहुल्य प्रदेश में जोर-शोर से लिया जाता है और हो भी क्यों ना। इस बात का हर उत्तराखंड वासी को गर्व भी है। लेकिन दुख तब होता है जब फौज के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाला एक फौजी रिटायर होने के बाद घर लौटता है और किसी मामले में उसका उत्पीड़न होता है लेकिन कहीं उसकी कोई सुनवाई नहीं होती।
जी हां, ऐसा ही एक मामला देहरादून के हररावाला क्षेत्र का सामने आया है। वहीं के सिद्धपुरम एनक्लेव लेन नंबर 3 निवासी, फौज के रिटायर्ड कैप्टन भाग सिंह सजवान ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाले कुछ लोग और क्षेत्र के पार्षद पिछले कई महीनों से उनके घर के पास का रास्ता जानबूझकर रोक रहे हैं।
इस बारे में उन्होंने आरोपियों से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद उन्होंने पुलिस की शरण ली। लेकिन पुलिस के तमाम अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई और आज उनका दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि उनके मकान के बाहर की बाउंड्री वॉल को भी आरोपियों ने तोड़ दिया और उनका रास्ता अवरुद्ध कर दिया।
रिटायर्ड कैप्टन सजवान ने बताया कि उनका बेटा भी इस समय भारत-चीन सीमा पर तैनात है। उसने भी फौज के माध्यम से प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को शिकायत भेजी है। इसके बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। कोई कार्यवाही ना होने के कारण आरोपियों का हौसला बढ़ गया और वे उन्हें बार-बार धमका रहे हैं जिससे उनको जान-माल का खतरा हो गया है।
उन्होंने कहा कि फौज में जीवन भर काम करने के बाद जो उन्हें रिटायरमेंट पर पैसा मिला उससे उन्होंने अपना मकान बनाया और बाउंड्री वाल खड़ी की, जिसे आरोपियों ने तोड़ दिया और उनका रास्ता रोक दिया। इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उनकी शिकायत को गंभीरता से लेंगे और उस पर कार्रवाई करते हुए उन्हें न्याय दिलाएंगे।
बहुत सार्थक समाचार मिले।