देहरादून। कोविडकाल में जब लोग अपने स्वजनों के शवों से भी दूरी बना रहे थे, तब ऐसे वक्त दिल्ली-एनसीआर में सरदार जितेंद्र सिंह शंटी के रूप में देश-दुनिया ने मानवता का एक अलग चेहरा भी देखा।
पीली पगड़ी पहने एम्बुलेंस ड्राइव करता यह शख्स घरों से अस्पताल और अस्पताल से श्मशान दौड़ता नज़र आया। शेंटी ने कोरोना से मृत 4500 से ज्यादा शवों को उठाया और श्मशान में उनका अंतिम संस्कार किया। इनमें तमाम ऐसे मृतक थे, जिनकी बॉडी लेने से खुद उनके परिवारजनों ने भी इनकार कर दिया।
तमाम मृतकों का निशुल्क अपने खर्च पर अंतिम संस्कार करने वाले जितेंद्र सिंह शेंटी सरदार भगत सिंह सेवादल के माध्यम से 1996 से मृतकों के अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं और हजारों का अब तक करवा चुके। उनका भगत सिंह सेवादल आपदा प्रबंधन में भी सेवाएं दे रहा है।
देश मे ‘पीली पगड़ी वाले सरदार’ और ‘एम्बुलेंस वाले सरदार’ के नाम से प्रसिद्ध शंटी को उनकी सेवा के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री से भी नवाजा है।
जितेंद्र सिंह शेंटी कल बुधवार को देहरादून में स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब केेे सभागार में हैं।
ऐसे में मानवता के प्रति सेवा के लंबे दौर, खासकर कोविडकाल में हुए शंटी के तमाम अनुभवों को सुनना हम सब के लिए एक अलग और खास तरह का अनुभव होगा। अतः उत्तरांचल प्रेस क्लब पत्रकारों और शहर के प्रमुख लोगों के लिए कल दोपहर 12:30 बजे ‘शंटी से संवाद’ आयोजित कर रहा है।