देहरादून। उत्तराखंड से बाहर उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश या देश के किसी भी स्थान से उत्तराखंड में आकर रह रहे किरायेदारों और मजदूरों के सत्यापन के नियम पुलिस ने कड़े कर दिए हैं।डीजीपी अशोक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आए किरायेदारों और मजदूरों के लिए नए नियमों के तहत पुणे अपने सत्यापन के साथ शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। साथ ही वे जिस स्थान से आए हैं वहां के थाने से सत्यापित रिपोर्ट और चारित्रिक प्रमाण पत्र भी अपने मकान मालिक या प्रबंधन की ओर से संबंधित थाने में दिया जाएगा। यदि बाहरी किरायेदारों या मजदूरों द्वारा किसी भी प्रकार की झूठी जानकारी पुलिस को दी गई तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी किए गए डीजीपी अशोक कुमार के आदेश के मुताबिक बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवास कर रहे लोगों को अब सत्यापन प्रारूप में महज सामान्य विवरण देने के साथ ही उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं इसके संबंध में एक शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
इसके साथ ही सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा अपने साथ लायी गयी उनके मूल स्थान की सत्यापन रिपोर्ट/चरित्र प्रमाण पत्र की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी। यह सभी दस्तावेज उन्हें मकान मालिक/प्रबन्धक/स्वामी के माध्यम से स्थानीय पुलिस थाने को प्रस्तुत करना होंगे।
बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवासरत व्यक्तियों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में पूर्व में निर्गत एसओपी में संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार उपरोक्त निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही सत्यापन के सम्बन्ध में कूटरचित दस्तावेज या गलत शपथपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने बताया कि बाहरी राज्यों को भेजे गये कतिपय सत्यापन प्रपत्रों पर सम्बन्धित बाहरी जनपद/थाने से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है, जिससे व्यक्ति द्वारा पुलिस को प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो पाती है। इस संशोधन से सत्यापन प्रक्रिया सख्त बनेगी और संदिग्ध लोगों पर नजर रखकर कार्यवाही की जा सकेगी।