देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आदेश किए हैं कि अब रात 10:00 बजे की बजाय 10:30 बजे से सुबह 5:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा। यह निर्णय इसलिए किया गया है क्योंकि 10:00 बजे नाइट कर्फ्यू लगाने से जनता के सामने कई व्यावहारिक दिक्कतें आ रही थी। अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर लोग इससे पहले अपने घरों को पहुंचे, पुलिस रास्ते में ही सब को रोक-रोक कर चालान काटने लग गई थी। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पास पहुंची। इसके पश्चात नाइट कर्फ्यू के टाइमिंग की समीक्षा कर इसमें बदलाव करने का निर्णय किया गया। हालांकि इसके पीछे यह भी कहा जा रहा है कि शराब की दुकानों को भी इसमें छूट देने की कोशिश की गई है क्योंकि सबसे अधिक राजस्व सरकार को शराब बिक्री से ही प्राप्त होता है। लोगों का तो यह भी कहना है कि नाइट कर्फ्यू से कोई कोरोना थोड़ी रुक सकता है। नाइट कर्फ्यू लगाने की बजाय दिन के समय मास्क ना लगाने वाले और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए थी। इससे काफी हद तक कोरोना के केशव पर लगाम लग सकती थी। सवाल यह भी उठ रहा है कि नाइट कर्फ्यू की तरह यदि दिन में भी सरकार ने कुछ घंटे का ऐसा ही निर्णय किया तो रोजमर्रा के काम धंधे करने वालों का क्या होगा। क्योंकि इस समय हालात यह बन चुके हैं कि पिछले साल की तरह इस बार कोई भी मुफ्त में राशन बांटने के लिए आगे नहीं आएगा क्योंकि सभी संस्थाओं की भी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रह गई है। ऐसे समय में लोगों के सामने रोटी तक का संकट उत्पन्न हो जाएगा।