देहरादून। भारत – उत्तरांचल विश्वविद्यालय ने QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त किया है, जिससे उसकी पहचान एक दूरदर्शी, सतत विकास उन्मुख तथा वैश्विक मानकों के अनुरूप पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और सामाजिक प्रभाव के प्रति प्रतिबद्ध संस्था के रूप में और मजबूत हुई है।
QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 के इस संस्करण में दुनिया भर के 1,994 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का मूल्यांकन किया गया, जिनमें भारत के 103 प्रमुख संस्थान भी शामिल हैं।
उत्तरांचल विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर 51वाँ स्थान प्राप्त किया है, जिससे वह उन शीर्ष भारतीय संस्थानों में शामिल हो गया है, जिन्होंने सतत विकास से जुड़े विभिन्न प्रदर्शन संकेतकों पर उल्लेखनीय प्रगति प्रदर्शित की है।
‘नॉलेज एक्सचेंज’, ‘इक्वालिटी’ और ‘गवर्नेंस’ श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ, उत्तरांचल विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड के सभी संस्थानों में ‘नॉलेज एक्सचेंज’ सूचकांक के अंतर्गत सर्वाधिक स्कोर प्राप्त किया है। यह रैंकिंग लंदन स्थित QS रैंकिंग संगठन द्वारा जारी की गई है।
इस उपलब्धि के साथ, उत्तरांचल विश्वविद्यालय QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2026 में शामिल उन प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों की सूची में पुनः सम्मिलित हो गया है, जिनमें शामिल हैं – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी), हैदराबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंदौर और देशभर के अन्य कई प्रतिष्ठित निजी संस्थान।
विश्वविद्यालय अत्यंत विनम्रता के साथ यह साझा करता है कि वह रैंकिंग में कुछ IIT और IIM से ऊपर स्थान प्राप्त करने में सफल रहा है।
यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के हरित परिसर, स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा, जल एवं ऊर्जा संरक्षण, कचरा प्रबंधन, एसडीजी-उन्मुख पाठ्यक्रम एकीकरण तथा सामुदायिक आधारित सतत विकास पहलों जैसे क्षेत्रों में हो रहे सतत प्रयासों को रेखांकित करती है।
विश्वविद्यालय के शीर्ष नेतृत्व ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर अपार गर्व व्यक्त किया।
अध्यक्ष, जितेन्द्र जोशी; उपाध्यक्ष, सुश्री अंकिता जोशी; कार्यकारी निदेशक (छात्र कल्याण एवं आईटी), डॉ. अभिषेक जोशी; कुलपति, प्रो. धरम बुद्धि; प्रो-वीसी, प्रो. राजेश बहुगुणा; तथा रजिस्ट्रार, डॉ. अनुज कुमार राणा ने संयुक्त रूप से कहा यह उपलब्धि उत्तरांचल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान दृश्यता और वैश्विक सहभागिता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
नेतृत्व ने यह भी स्वीकार किया आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) ने गुणवत्ता मानकों को स्थापित करने और सतत सुधार की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने, डेटा-आधारित निर्णय प्रक्रिया को मजबूत करने तथा शैक्षणिक और अनुसंधान गुणवत्ता को ऊँचा उठाने में IQAC के प्रयासों ने इस वैश्विक मान्यता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने ई. राजेश देवरारी (निदेशक, IQAC), ई. सुधीर जुगरान (सहायक प्रबंधक, IQAC) और सभी संकाय सदस्यों को उनके समर्पण, सूक्ष्म दस्तावेज़ीकरण और महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय को यह प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग प्राप्त हो सकी है।