देहरादून। उत्तराखंड के एक पूर्व विधायक को पर्यटन सचिव के खिलाफ धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है। पूर्व विधायक का आरोप है कि पर्यटन सचिव, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। लेकिन वह प्रदेश के युवाओं के रोजगार के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य की। आर्य ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अलकनंदा गंगा रिवर राफ्टिंग समिति के सदस्य अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समय कई अधिकारियों एवं पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी मिल चुके हैं लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एक सवाल के जवाब में पूर्व विधायक आर्य ने बताया कि अलकनंदा पर्यटक एवं यात्री न के बराबर पहुंच रहे हैं, जिस कारण रिवर रफ्टिंग का काम करने वाले युवाओं के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
समिति की मुख्य मांग है कि उन्हें गंगा रिवर राफ्टिंग समिति के साथ मर्ज कर दिया जाए, जिससे बच्चे गंगा में अपना रोजगार कर सकें। पूर्व विधायक आर्य के अनुसार, लेकिन इस संबंध में पर्यटन सचिव की ओर से उन्हें कहा गया की सरकार उन्हें झुनझुना थमा रही है।
प्रदेश के युवाओं के लिए अभी तक कोई निर्णय न होने से रोष व्यक्त करते हुए पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने कहा ऐसा नहीं है कि यह मांग नई हो, पूर्व में भी गंगा में राफ्टिंग की अनुमति उन्हें दी गई थी। पूर्व विधायक ने स्पष्ट कहा जल्द ही अलकनंदा गंगा रिवर राफ्टिंग समिति की मांगों को नहीं माना गया तो वह पर्यटन सचिव के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।
इस अवसर पर पत्रकार वार्ता के दौरान समिति के अध्यक्ष सुनील आर्य, सचिन रमेश पुंडीर सहित कई सदस्य मौजूद रहे।