पंचायती अखाड़ा निर्मल द्वारा स्थापित श्री निर्मल धर्मार्थ चिकित्सालय का उद्घाटन आज हरिद्वार में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने विधिवत रूप से किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचायती अखाड़ा निर्मल द्वारा समाज के वंचित और निर्मल वर्ग की सहायता हेतु आधुनिक चिकित्सा सेवा से युक्त चिकित्सालय सिर्फ एक अस्पताल नहीं होगा, बल्कि देखभाल का एक संस्थान भी होगा|
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सांसद साक्षी महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
हरिद्वार में निर्मला छावनी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित चिकित्सालय के शुभारंभ अवसर अखाड़ों के संत, महंत एवं महामंडलेश्वर उपस्थित थे। विधानसभा अध्यक्ष ने संतों का आशीर्वाद लिया एवं फीता काटकर चिकित्सालय का शुभारंभ किया, इस अवसर पर उन्होंने श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री का समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे पुण्य कार्यों के लिए आभार भी व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचायती अखाड़ा निर्मल आध्यात्मिक एवं सन्यास परंपरा की प्रमुख संस्था है जो आध्यात्मिक परंपराओं के संवर्धन और संरक्षण के साथ-साथ जनहित में सेवा कार्य के माध्यम से समाज को अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।उन्होंने विश्वास जताया की क्षेत्र में सभी सुविधाओं से युक्त अस्पताल के खुल जाने से गरीब एवं वंचित समाज को स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण रुप से लाभ मिलेगा।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने अपील करते हुए कहा कि कोरोना जैसी बीमारियों को देखते हुए हम सभी को अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करने व स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हमारा देश अध्यात्म व संस्कृति के बल पर आगे रहा है और बढ़ता रहेगा। युवाओं में भारतीय संस्कृति, संस्कारों, सभ्यता, विरासत का आत्म बोध कराने में संत समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि नवनिर्मित निर्मल अस्पताल क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। उन्होंने कहा कि संत समाज द्वारा देश में बल्कि पूरे विश्व को एक दिशा एवं दशा देने का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, ज्ञानदेव सिंह, रविंद्र पुरी जी महाराज, महंत जसविंदर सिंह शास्त्री, ललितानांद गिरि जी महाराज, पदमेंद्र सिंह, हरिचेतनानंद महाराज, दिनेश जी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।