– डीआई एस सिटी कैंपस को प्रथम रनरअप तथा टोंस ब्रिज स्कूल को द्वितीय रनरअप का ख़िताब
देहरादून। युवा प्रतिभा की रचनाधर्मिता को पहचान प्रदान करने के उद्देश्य से कासीगा स्कूल द्वारा आयोजित अंतर्विद्यालय कलाइडोस्कोप प्रतियोगिता में शहर भर के अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों ने प्रतिभाग किया।
विभिन्न आयु वर्गों के अनुरूप उनकी श्रेणियों में उनकी ही क्षमता के मद्देनज़र अलग-अलग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
प्रतियोगिता में कासीगा स्कूल के छात्रों ने सभी स्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन करते हुए पूरी ट्रॉफी पर अपना कब्ज़ा जमा लिया, डीआई एस सिटी कैंपस को प्रथम रनरअप तथा टोंस ब्रिज स्कूल को द्वितीय रनरअप का ख़िताब मिला।
कार्यक्रम के औपचारिक उद्घाटन में उपविद्यालय-प्रमुख श्रीमती अरुंधती शुक्ला ने स्पष्ट किया कि इस प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के तकनीकी एवं मानसिक शक्ति को रचनात्मक आकार देना है | इस प्रतियोगिता में सबसे कम आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने अपनी नन्ही उंगलियों को रंगों में डुबोकर उन्हें जीवंत आकार दिया।
मिट्टी के बर्तनों की पेंटिंग में नन्हे कलाकारों की शानदार प्रतिभा प्रदर्शित हुई । फेस पेंटिंग में छात्रों ने अपने साथियों को जीवंत कैनवस में बदल दिया, रंगों को मिलाने और जटिल डिज़ाइन बनाने में उन्होंने अविश्वसनीय कौशल का प्रदर्शन किया।
कनिष्ठ छात्रों की कपड़ा पेंटिंग की सृजनात्मकता तथा कल्पनाशीलता के संयोग ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया ,वहीं माइम की प्रस्तुति ने कला द्वारा एक सशक्त सन्देश प्रेषित कर दर्शकों को नई राह दिखाने का प्रयास किया।
सौंदर्य एवं फैशन प्रतियोगिता में वरिष्ठ वर्ग के छात्रों ने आज की पीढ़ी की सोच और उनके विचारों को अपने पहनावे के माध्यम से प्रकट किया | पेपर मास्क निर्माण कला के माध्यम से छात्रों की रचनात्मकता को उड़ान मिली।
मिट्टी के भित्तिचित्र-निर्माण की प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने मिट्टी की जटिल भित्तिचित्रों को गढ़ा, अपनी 3D कलात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया ।
इस अवस पर कला जगत की दो प्रसिद्ध हस्तियों ने प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका निभाई। निर्णायिका सुश्री स्मृति लाल पेशेवर कलाकार हैं।
सुश्री लाल 16 वर्षों से कला सिखा रही हैं। उन्होंने नई दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर अपने काम का प्रदर्शन किया है और 1,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है।
सुश्री लाल वर्तमान में देहरादून में तांशी आर्ट स्टूडियो को निर्देशित करती हैं और दून आर्ट काउंसिल की संस्थापक सदस्या हैं ।
निर्णायक के रूप में उपस्थित ज्ञानेंद्र कुमार एक कलाकार, कवि, मूर्तिकार और शांतिनिकेतन के पूर्व छात्र हैं। कुमार, वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के निवर्तमान मुख्य कलाकार हैं ।
निर्णायकों के पैनल ने इन असाधारण प्रतिभाओं की उत्कृष्टता के चयन का चुनौतीपूर्ण कार्य संपादित किया । प्रत्येक श्रेणी का मूल्यांकन रचनात्मकता, तकनीक कौशल और समग्र प्रभाव के आधार पर किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में प्रत्येक श्रेणी के विजेता प्रमाण -पत्र और ट्राफियों द्वारा सम्मानित किए गए।
मेज़बान टीम होने के कारण कासीगा स्कूल ने अपनी ओवर आल ट्रॉफी डीआई एस सिटी कैंपस को दी और धन्यवाद ज्ञापन के उपरांत अगले वर्ष पुन:मिलने की आशा से सभा समाप्त हुई।
कासीगा स्कूल में आयोजित अंतर्विद्यालय कलाइडोस्कोप का यह उत्सव, रचनात्मकता, प्रतिभा और कलात्मक अभिव्यक्ति के समन्वयन से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसने सभी प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों के मनो मस्तिष्क पर एक अमिट छाप छोड़ी।
कासीगा स्कूल आने वाले वर्षों में इस परंपरा को जारी रखने और युवा कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।