– शिक्षा के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों में गिना जाता है यह पुरस्कार
– रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल हैं कैप्टन कुणाल उनियाल
देहरादून। प्रदेश में वाणिज्यिक शिपिंग एजूकेशन को नया आयाम दे रहे कैप्टन कुणाल उनियाल को वर्ष 2022 के लिए मोस्ट डिस्टिंग्विश्ड इंटरप्रेन्योर पुरस्कार मिला है।
नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही देश की प्रख्यात ब्रांड इंपेक्ट एजूकेशन सोसाइटी ने दिया है।
कैप्टन कुणाल उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल हैं। उन्होंने लंदन की आकर्षक नौकरी छोड़ कर देहरादून में मैरीटाइम बिजनेस एकादमी की शुरुआत की है। यह एकादमी देश की गिनी-चुनी एकादिमों में शुमार है जो युवाओं को व्यवसायिक शिपिंग के लिए प्रशिक्षित करती है।
नई दिल्ली के पांच सितारा होटल में आयोजित प्राइड आफ इंडियन एजूकेशन अवार्ड समारोह में बालीवुड अभिनेत्री नीलम कोठारी ने उन्हें यह पुरस्कार दिया। इसके अलावा उनकी एकादमी ंइंटरनेशनल मैरीटाइम बिजनेस एकादमी को भी बेस्ट कामर्शियल शिपिंग एकादमी आफ द ईयर 2022 का एवार्ड मिला है।
कैप्टन कुणाल पूर्व मास्टर मेरिनर हैं और प्रतिष्ठित कार्डिफ बिजनेस स्कूल से स्नातकोत्तर हैं। उन्हें ऑनशोर और ऑफशोर शिपिंग दोनों में 18 साल का अनुभव है। रिवर्स माइग्रेशन का वह सबसे अच्छा उदाहरण है।
कुणाल ने लंदन में रहने और काम करने का अवसर छोड़ दिया और वापस देहरादून आ गए। उन्होंने 2018 में इंटरनेशनल मैरीटाइम बिजनेस एकेडमी की शुरुआत की जो भारत की पहली अकादमी है जो उम्मीदवारों को शिपिंग संचालन में प्रशिक्षित करती है।
इस तरह का कोर्स सिर्फ लंदन में ही उपलब्ध है। इसके साथ ही कैप्टन कुणाल ने देहरादून में शिपिंग कंपनी के कार्यालय खोलकर स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार पैदा किया है। निस्संदेह उनकी अकादमी को वर्ष 2022 की सर्वश्रेष्ठ वाणिज्यिक शिपिंग अकादमी के रूप में सम्मानित किया गया है।
आईएमबीए की महाप्रबंधक नेहा कन्नोजिया को शिपिंग उद्योग में सबसे प्रेरक महिला के रूप में सम्मानित किया गया था।
कैप्टन कुणाल नाविक, शिक्षाविद और उद्यमी होने के अलावा सात अलग-अलग भाषाओं में 13 पुस्तकों के साथ एक प्रसिद्ध लेखक हैं। साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत और विदेशों में व्यापक प्रशंसा मिली है।
इसमें महारानी एलिजाबेथ, लंदन के मेयर, वेल्स के प्रथम मंत्री, फ्रेंच सोसाइटी, नॉटिकल इंस्टीट्यूट और वैदिक इंटरनेशनल सोसाइटी की सराहना शामिल है। उनकी रचनाएँ वेदों, उपनिषदों, श्री अरबिंदो दर्शन और आत्मा के आध्यात्मिक विकास पर आधारित हैं।