देहरादून। सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत जल्दी खबरों का आदान-प्रदान हो रहा है जिसमें सही जानकारी मिलने के साथ साथ अधिकतर मर्तबा अफवाह और झूठी खबरें भी फैलती हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए काफी समय से कोशिश की जा रही थी। अब उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में रणनीति तैयार कर ली है। अब सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जाएगी और किसी के भी माध्यम से झूठी खबरें या अफवाह फैलाई जाती है तो उसमें काउंसलिंग के बाद मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।
उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल का गठन किया जा रहा है। जिसका कार्य अफवाहों को दूर करने तथा पॉजिटिव काउंटर शुरू करने के साथ ऐसे लोगों की काउंसलिंग करना होगा जो अफवाहें फैलाते हैं अथवा झूठी खबरें वायरल करते है।
सेल द्वारा कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने एवं सार्वजनिक शांति भंग करने वाले किसी भी सोशल मीडिया सामग्री को तुरंत हटाने के प्रयास के साथ आपराधिक मामले दर्ज करना भी होगा।
पुलिस उप महानिरीक्षक कानून व्यवस्था ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस जनता की सुरक्षा और शांति के लिए समर्पित है। सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के भीतर एक विशेष इकाई होगी जो आधुनिक सॉफ्टवेयर से लैस होगी ताकि शरारती तत्वों की पहचान की जा सके और कानूनी कार्यवाही शुरू की जा सके।
यह सामुदायिक पुलिसिंग का एक विकसित संस्करण होगा जहां डिजिटल/साइबर स्वयंसेवक भी सेल को शांति बनाए रखने में मदद करेंगे। सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार निगरानी रखेगा और तथ्यों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में भी मदद करेगा।
सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल, नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (CFCFRMS) के साथ समरूपता में कार्य करेगा। CFCFRMS के तहत साइबर हेल्पलाइन नंबर -155260 साइबर वित्तीय शिकायतों को दूर करने में लोगों की मदद कर रहा है। दोनों प्रकोष्ठ वित्तीय और गैर-वित्तीय साइबर अपराधों के खिलाफ अपनी लड़ाई में उत्तराखंड पुलिस के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे।