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Saturday, October 4, 2025
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चौकस रहें : OLX के जरिए फौजी बनकर मकान मालिक के 12.50 लाख रुपए उड़ाए

 

 

एसटीएफ साइबर क्राइम पुलिस टीम की बड़ी कार्रवाई 

OLX किराए के नाम पर साइबर ठगी करने वाला दबोचा 

1 साल से फरार चल रहा वांछित अभियुक्त राजस्थान से गिरफ्तार

गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने घर से 300 किमी दूर छिपा था

 अभियुक्त OLX प्लेटफ़ॉर्म पर मकान किराए के विज्ञापन डालने वाले व्यक्तियों को निशाना बनाकर फर्जी पहचान एवं सेना/पैरामिलिट्री कर्मी का रूप धारण कर धोखाधड़ी करता था।

 अभियुक्त लगभग 1 वर्ष से फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। मामले में वांछित होने के बावजूद अभियुक्त अपने घर से दूर अलग-अलग स्थानों पर छिपकर रह रहा था, ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सके।

 अभियुक्त गिरफ्तारी से बचने हेतु अपने पैतृक गांव कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर (राजस्थान) से लगभग 300 किमी दूर जयपुर के खोह नागोरिया क्षेत्र में छिपकर रह रहा था।।

 साइबर थाना पुलिस टीम की तकनीकी निगरानी व सतत पुलिसिंग से अभियुक्त का लोकेशन ट्रेस कर टीम द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया।

 गिरफ्तार अभियुक्त को माननीय न्यायालय, देहरादून में प्रस्तुत कर भा.दं.सं. की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की गई ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह ने बताया यह प्रकरण वर्ष 2022 का है, जिसमें पीड़ित निवासी देहरादून ने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें पीड़ित ने अपना मकान किराए पर देने के लिए OLX प्लेटफ़ॉर्म पर विज्ञापन प्रकाशित किया था।

उसी विज्ञापन के आधार पर अभियुक्त ने पीड़ित से संपर्क किया।अभियुक्त ने स्वयं को सीआईएसएफ/सेना का जवान बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और फर्जी आधार कार्ड एवं पहचान पत्र व्हाट्सएप पर साझा किए।

इसके बाद अभियुक्त ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि सेना/पैरामिलिट्री के नियमों के अनुसार मकान किराए पर लेने से पहले अग्रिम राशि मकान मालिक द्वारा भी जमा करानी होती है।

इस झांसे में आकर पीड़ित ने विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹12,46,000/- की राशि ट्रांसफर कर दी।मामले की विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध साक्ष्य पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल की गई थी।प्रकरण में न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।

प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखण्ड के दिशा-निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा तथा विवेचना अधिकारी निरीक्षक विकास भारद्वाज द्वारा किया गया।

अपर उपनिरीक्षक सुनील भट्ट, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। साइबर क्राइम पुलिस टीम द्वारा लगातार तकनीकी निगरानी एवं सतत पुलिसिंग से अभियुक्त का लोकेशन ट्रेस कर उसे दबोचा गया।

इस प्रकरण का मुख्य अभियुक्त शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर, राजस्थान को गिरफ्तार किया गया।

विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर (राजस्थान) का नाम प्रकाश में आया था।

अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध पर भादवि की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत में न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।

साइबर थाना पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लगातार तकनीकी विश्लेषण, बैंक खातों की जांच, कॉल डिटेल्स एवं डिजिटल फुटप्रिंट्स का अध्ययन किया।

 न्यायालय, देहरादून के आदेशानुसार साइबर थाना पुलिस टीम ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा भादवि की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की गई। 

*अपराध का तरीका*

अभियुक्त ने स्वयं को सीआईएसएफ/सेना का जवान बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और फर्जी आधार कार्ड एवं पहचान पत्र व्हाट्सएप पर साझा किए। इसके बाद अभियुक्त ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि सेना/पैरामिलिट्री के नियमों के अनुसार मकान किराए पर लेने से पहले अग्रिम राशि मकान मालिक द्वारा भी जमा करानी होती है।इस झांसे में आकर पीड़ित ने विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹12,46,000/- की राशि ट्रांसफर कर दी। ।

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पैतृक निवास कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर (राजस्थान) से करीब 300 किलोमीटर दूर जयपुर के खोह नागोरिया क्षेत्र में छिपकर रह रहा था। इसी दौरान वह गुप्त रूप से अपने साथियों के संपर्क में रहकर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों को अंजाम देता आ रहा था।अभियुक्त ने यह भी खुलासा किया कि वह लगातार फर्जी पहचान पत्रों, अलग-अलग मोबाइल नंबरों एवं विभिन्न बैंक खातों का प्रयोग करके धोखाधड़ी करता था, जिससे पीड़ितों को ठगा जा सके और पुलिस की पकड़ से दूर रहा जा सके।उसके द्वारा बनाए गए संपर्क नेटवर्क और तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर कई व्यक्तियों को ऑनलाइन निवेश एवं OLX जैसे प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी के जाल में फंसाया गया।अभियुक्त के कब्जे से प्राप्त डाटा का विश्लेषण जारी है, जिससे उसके अन्य साथियों और नेटवर्क का भी पर्दाफाश होने की संभावना है।

*अभियुक्त व्यक्ति का नाम व पता* – शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर, राजस्थान

*बरामदगी-* 01 मोबाईल फोन 

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