– श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में हरिनाम संकीर्तन सम्मेलन संपन्न
देहरादून। श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आचार्य भक्ति विचार विष्णु महाराज ने कहा वैष्णव सेवा सबसे उत्तम धर्म है। अन्न, वस्त्र देकर ही सेवा नहीं होती, उनकी आज्ञा का पालन करना भी वैष्णव धर्म कहलाता है।
आचार्य विष्णु महाराज, श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में चल रहे हरिनाम संकीर्तन सम्मेलन के समापन अवसर पर प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा वैष्णव जन वे होते हैं, जिन्होंने अपने जीवन को पूर्ण रूप से ठाकुर-गुरु की सेवा में लगाया हुआ है।
वैष्णव सेवा से हमारे बुरे कर्म समाप्त होते हैं, जब जीवन में वैष्णवों की कृपा दृष्टि होती है तब भक्ति का मार्ग अधिक सरल हो जाता है और भगवान की प्रसन्नता हमारे जीवन में जल्दी हो जाती है।
मठ रक्षक त्यागी महाराज ने सम्मेलन के दौरान सहयोग देने वाले भक्तों का धन्यवाद किया और देश के कोने-कोने से आए संतों का अभिवादन किया। चंडीगढ़ से आए बलराम प्रभु ने महामंत्र की धुन के साथ समय बांधा।
इस अवसर पर मठ रक्षक त्यागी महाराज, दुर्गा प्रभु, अशोक प्रभु, मृृृृदुल प्रभु, वरिष्ठ सहयोगी दिनेश शर्मा, केवल कृष्ण शर्मा, राधा रमन दास, दीनानाथ दास, लक्ष्य, खुश आदि काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।